सरस्वती बाल संस्कार केंद्र का वार्षिक उत्सव संपन्न

रावतभाटा(शिव सिंह चौहान)। सरस्वती बाल संस्कार केंद्र का वार्षिक उत्सव गुरूवार को श्री राम बाल विद्या मंदिर प्रांगण में संपन्न हुआ। संस्कार केंद्र संचालक चंदा मेंहर ने बताया कि भैंसरोडगढ़ ग्राम क्षेत्र में विद्या भारती की योजना से संचालित बाल संस्कार केंद्र में आसपास के सभी भैया बहनों को संस्कार आधारित शिक्षा दी जाती हैं, प्रतिवर्ष चलने वाले बाल संस्कार केंद्र में शिक्षण के साथ-साथ संस्कारवान शिक्षा के साथ-साथ जीवन आदर्श गुण भी सिखाया जाता है पूरे वर्षपर्यंत आज इन्हीं भैया बहनों का वार्षिक उत्सव आयोजित किया गया। जिसमें सभी भैया बहनों ने राजस्थानी लोक परंपराओं के अनुसार एकल नृत्य सामूहिक नृत्य कविता पाठ आदि कार्यक्रमों पर प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य वक्ता देवकीनंदन गौड़, विशिष्ट अतिथि नरेंद्र सिंह राठौड़ भाजपा ग्रामीण मण्डल मंत्री मुख्य अतिथि कुसुम कच्छावा जिला महिला मोर्चा सदस्य ने दीप प्रज्वलन कर मां शारदे की वंदना कर प्रारंभ की गया। उसके पश्चात अतिथि महोदय का स्वागत परिचय करवाया गया। तिलक, पुष्प, गुच्छ, दुपट्टा, श्रीफल से माननीय अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य वक्ता देवकीनंदन गौड़ ने अपने वक्तव्य में कहां कि हम सभी लोग कथा श्रवण करने एवं पठन करते हैं, किंतु रामायण के चरित्रों को अपने जीवन में नहीं उतारते रामायण में प्रत्येक पात्र संस्कार सीखाते है पिता पुत्र भाई-भाई अन्य सभी पात्र अपने आप में महान है रामायण में कहा गया है की पारिवारिक महत्व सबसे आदर्श किंतु आज की स्थिति में हम पारिवारिक महत्व को भूल रहे हैं क्योंकि हम छोटे-छोटे बच्चों को संस्कार नहीं दे पा रहे हैं इसीलिए संस्कार केंद्रों में छोटे-छोटे बच्चों को शुरू से ही संस्कार सिखाया जाता है और यही प्रयास रहता है की बाल्यकाल से ही जब बालक संस्कार सीख जाता है तो उसका जीवन संस्कारमय हो जाता है। विशिष्ट अतिथि नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि हमें भी संस्कारों के महत्व समझना चाहिए क्योंकि एक कालखंड होता है इस उम्र सीमा में संस्कार सिखाया जा सकता है एक परिपक्व अवस्था में सिखाया जाना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन बाल्यकाल से ही बालक सीख कर उन्हें संस्कारों को अपने जीवन में उतार लेता है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुसुम कच्छावा ने बताया कि आज हमें टीवी मोबाइल से दूर रह पाना दुष्कर प्रतीत होता है किंतु हमें नन्हें बालकों को इससे दूर रखना पड़ेगा ताकि वह खेल में और सामाजिक जीवन में अपना विकास कर सके। कार्यक्रम संचालन सीमा गौड़ ने किया, अतिथि परिचय स्वागत तथा आभार प्रधानाचार्य भूपेंद्र कुमार शर्मा द्वारा किया गया इस अवसर पर श्री राम बाल विद्या मंदिर के समस्त आचार्य दीदी, मातृशक्ति, संस्कार केंद्र के बच्चों के अभिभावकजन एवं सभी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बेहतर प्रस्तुतियां देने वाले सभी भैया बहनों को पुरस्कृत किया गया।